दहेज प्रथा पर निबंध in Hindi (Dahej Pratha Ek Kalank Essay in Hindi PDF)
जानिये दहेज प्रथा क्या है : What is dowry system?
दहेज प्रथा एक सामाजिक अविशाप है जो की समाज के आदर्शवादी होने पर सवाल्या निशाँ लगा देता है| दहेज लेने या देने को दहेज प्रथा कहा जाता है|
लड़की की शादी के समय लड़की के परिवार वालों के द्वारा लड़के या उसके परिवार वालों को नगद या किसी भी प्रकार की कीमती चीज़ बिना मूल्य में देने को दहेज़ कहा जाता है| जिसका अर्थ लड़के की परिवार वालों के द्वारा लड़के की मूल्य भी समझा जा सकता है| दहेज प्रथा सामाजिक समस्या है| दहेज प्रथा गैर कानोनी होने के बावजूद येहमारे समाज में खुली तौर पर राज़ करती है
जानिये दहेज प्रथा विस्तार से : Detailed Introduction to dowry system:
दहेज प्रथा एक सामाजिक बीमारी है जो की आज कल समाज में काफी रफ़्तार पकडे गति कर रहा है| ये हमारे जीवन के मकसद को छोटा कर देने वाला प्रथा है| ये प्रथा पूरी तरह इस सोच पर आधारित है, समाज के सर्व श्रेष्ठ व्यक्ति पुरुष ही हें और नारी की हमारे समाज में कोई महत्वा भी नहीं है|
इस तरह की नीच सोच और समझ ही हमारे देश की भविष्य पर बड़ी रुकावट साधे बैठे हें|
दहेज प्रथा को भी हमारे समाज में लगभग हर श्रेणी की स्वीकृति मिल गयी है जो की आगे चल के एक बड़ी समस्या का रूप भी ले सकती है |
दहेज प्रथा को रोकने के उपाय:
दहेज को रोकने के लिए सरकार और समाज दोनों को प्रयास करना होगा । सरकार को इस प्रथा को रोकने के लिए कडे कानून का सहारा लेना होगा । यदि कानून इस प्रथा का सच्चाई तथा कडाई के साथ पालन करे तो सफलता मिल सकती है । कानून से बढ़कर जन-सहयोग है हर जनता ये चाहिए कि दहेज न ले तभी ये प्रथा रुक सकती है । इसमे युवा वर्ग के लोगो को आगे आना जाहिए उन्हें स्वेच्छा से बिना दहेज के विवाह करके आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए ।
अत: जिस समाज में दुल्हनों के प्यार के स्थान पर यातना दी जाती है इस प्रथा को समाप्त करने के लिए अभियान चलाना होगा जिसका नारा होगा ”दुल्हन ही दहेज है” तभी हम समाज के इस कोढ से मुक्ति पा सकते है ।
दहेज को रोकने के लिए सरकार और समाज दोनों को प्रयास करना होगा । सरकार को इस प्रथा को रोकने के लिए कडे कानून का सहारा लेना होगा । यदि कानून इस प्रथा का सच्चाई तथा कडाई के साथ पालन करे तो सफलता मिल सकती है । कानून से बढ़कर जन-सहयोग है हर जनता ये चाहिए कि दहेज न ले तभी ये प्रथा रुक सकती है । इसमे युवा वर्ग के लोगो को आगे आना जाहिए उन्हें स्वेच्छा से बिना दहेज के विवाह करके आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए ।
अत: जिस समाज में दुल्हनों के प्यार के स्थान पर यातना दी जाती है इस प्रथा को समाप्त करने के लिए अभियान चलाना होगा जिसका नारा होगा ”दुल्हन ही दहेज है” तभी हम समाज के इस कोढ से मुक्ति पा सकते है ।